DR DEEPTI GAUR

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हिन्दी दिवस प्रतियोगिता - ब्रजभाषा के उन्नायक रत्नाकर" 03-Sep-2022

शीर्षक *"ब्रजभाषा के उन्नायक रत्नाकर"*


जगन्नाथ रत्नाकर जी ब्रजभाषा के उन्नायक थे । 

बने काव्य सम्राट, शारदे माता के वे उपासक थे।  


जन्म लिया अट्ठारह सौ छियासठ, पुरुषोत्तम जी थे पिता महान । 

विलक्षण प्रतिभा की प्रतिमूर्ति,  शिक्षा के थे चढ़े सोपान । 

काव्य गुरु सरदार कवि,जिनके आप आराधक थे।


भारतेंदु जी बने प्रेरणा, ब्रजभाषा का माधुर्य अनुपम ।

हिंडोला बनी प्रथम कृति, गंगावतरण का किया रचन । 

घनाक्षरी नियम रत्नाकर, जिसके आप प्रकाशक थे।


उद्धव शतक की रचना में सुंदरतम है शब्द चयन। 

निजी सचिव के रूप में,दरबार अयोध्या रहे मगन। 

संस्कृत, प्राकृत,फारसी, उर्दू, बने आप उद्धारक थे। 


हिंदी साहित्य सम्मेलन में, सभापति पद किया सुशोभित।

हिततरंगिणी,नखशिख के, संपादन से हिंदी गर्वित ।

साहित्य सुधा निधि के, बने आप संपादक थे । 


अंग्रेजी शासन को सुनाई, बापू का व्यक्तित्व रचा । 

भाव लोक के कुशल चितेरे, पौराणिकता में जो बसा। 

वीराष्टक के रचनाकार, राष्ट्रीयता के प्रचारक थे । 


भ्रमरगीत की परंपरा को, किया काव्य में था साकार । 

अलंकार की छटा निराली, शैली में अद्भुत था निखार।

निधन हुआ उन्नीस सौ बत्तीस, कालजयी वे साधक थे।

# हिन्दी दिवस प्रतियोगिता


© रचनाकार

डॉ. दीप्ति गौड़ "दीप" 

शिक्षाविद् एवम् कवयित्री

ग्वालियर मध्यप्रदेश भारत 

सर्वांगीण दक्षता हेतू राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली की ओर से भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति महामहिम स्व. डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्मृति स्वर्ण पदक,विशिष्ट प्रतिभा सम्पन्न शिक्षक के रूप में राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित

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7 Comments

Suryansh

16-Sep-2022 08:32 PM

लाजवाब लाजवाब

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Achha likha hai aapne 🌺🙏

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उम्दा सृजन और सशक्त चित्रण

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